Adhik Mass Amavasya 2023: जानें अधिक मास अमावस्या क्या है? क्या है इसका महत्व और पर्व विवरण?

अधिक मास अमावस्या, एक अनूठा और प्राचीन पर्व है जो हमारी संस्कृति और धर्म में महत्व रखता है। यह विशेष दिन तब होता है जब एक वर्ष में दो अमावस्या आती हैं। अधिक मास अमावस्या को “मलमस” के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन, आकाशिक घटनाओं का एक अलग प्रभाव होता है, जो हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है।

अधिक मास अमावस्या एक हिंदू त्योहार है जो अधिक मास के महीने में मनाया जाता है। अधिक मास एक अतिरिक्त महीना है जो हिंदू कैलेंडर में हर 3 साल या उससे कुछ साल बाद सौर और चंद्र कैलेंडर के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए जोड़ा जाता है।

अधिक मास क्या है?

अधिक मास को पुरूषोत्तम मास या माला मास भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने को देवताओं ने लोगों को अपने पापों से मुक्ति पाने का मौका देने के लिए बनाया था। यह भी कहा जाता है कि यह महीना धार्मिक अनुष्ठान और दान करने के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।

अधिक मास अमावस्या का महत्व

अधिक मास अमावस्या का महत्व हमारी संस्कृति में गंभीरता से माना जाता है। यह पर्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी। इस दिन व्यक्ति अपने पूर्वजों के प्रति समर्पित हो जाते हैं। इस दिन की विशेष पूजा और अनुष्ठान से मन और आत्मा शुद्ध हो जाती है।

अधिक मास अमावस्या अधिक मास महीने के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा आकाश में सबसे निचले बिंदु पर होता है। यह एक समय है जब नकारात्मक ऊर्जा सबसे मजबूत होती है। इसलिए, इस दिन बुरी आत्माओं और नकारात्मकता को दूर करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान और दान करना महत्वपूर्ण है।

ज्योतिषीय पहलू

इस समय अधिक मास अमावस्या का आकाशिक दृष्टिकोण से भी महत्व है। इस दिन ग्रहों की विशेष स्थिति होती है। इस प्रकार की आकाशीय संरेखण हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव डाल सकती है। यह समय, ऊर्जाओं में भी विशेष वृद्धि होती है जो हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

उत्सव की तैयारियाँ

अधिक मास अमावस्या के आस-पास त्योहार का माहौल बना रहता है। घर और आस-पास की जगहें सजाई जाती हैं। परिवारिक साथ होकर अलग-अलग रंगों से रंगने की प्रक्रिया होती है। इस समय विशेष खाने और मिठाइयाँ भी बनाई जाती हैं।

आध्यात्मिक अभ्यास

यह समय आध्यात्मिक अभ्यास और मनन का भी होता है। मानसिक शांति और आत्मा को समझने का समय होता है। मंत्र जाप और प्रार्थनाओं की प्रक्रिया से व्यक्ति अपने अंदर की शांति को अनुभव करते हैं।

अधिक मास अमावस्या पर अनुष्ठान और पूजा

अधिक मास अमावस्या पर कई तरह के अनुष्ठान और पूजाएं की जाती हैं। कुछ सबसे आम अनुष्ठानों में शामिल हैं:

* गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करना।

* देवताओं को प्रार्थना करना।

* गरीबों को भोजन, कपड़े और धन का दान देना।

* पूरे दिन उपवास करना।

* अधिक मास महात्म्य पढ़ना।

समुदायिक उत्सव

अधिक मास अमावस्या पर समुदायिक रूप से भी उत्सव मनाए जाते हैं। लोग एकत्र होकर परंपरागत अनुष्ठान करते हैं। कहानियाँ और लोक कथाएँ भी सुनी जाती हैं।

पूर्वजों से जुड़ना

इस दिन पूर्वजों को याद करने और उनकी पूजा करने का प्रचलन है। पूर्वजों के प्रति समर्पण और उनके आशीर्वाद के प्रति श्रद्धा का महत्व है। इस दिन परिवारिक बंधन को मजबूत किया जाता है।

आधुनिक व्याख्या

आज के समय में भी अधिक मास अमावस्या का महत्व है। हम अपने जीवन को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संबंधित बनाने के लिए इस दिन का समर्थन करके अपने जीवन को समृद्ध कर सकते हैं।

अधिक मास अमावस्या: धर्म से परे

अधिक मास अमावस्या सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को एक पूर्णतात्मक दृष्टिकोण से देखने का अवसर भी देता है। इस दिन का महत्व केवल एक समयिक अनुष्ठान से भी परे है।

ऊर्जा का संचार

इस अवसर पर, हमें विशेष ऊर्जा को अपने जीवन में स्थापित करने का मौका मिलता है। इस ऊर्जा को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।

अधिक मास अमावस्या पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए

अधिक मास अमावस्या पर लोगों को कुछ करने और न करने के कुछ नियम हैं:

करना चाहिए

* गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करें।

* देवताओं को प्रार्थना करें।

* गरीबों को भोजन, कपड़े और धन का दान दें।

* पूरे दिन उपवास करें।

* अधिक मास महात्म्य पढ़ें।

नहीं करना चाहिए

* अपने बाल या नाखून न काटें।

* मांसाहारी भोजन न खाएं।

* यौन गतिविधि में न लिप्त हों।

* किसी से बहस या लड़ाई न करें।

भविष्य की दृष्टि

अधिक मास अमावस्या की परंपरा आगे भी बरकरार रहेगी। नए समय में भी लोग इस पर्व को उत्साह और श्रद्धा से मनाएंगे।

निष्कर्ष

इस प्रकार, अधिक मास अमावस्या हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन को ध्यानपूर्वक मनाकर हम अपने जीवन में शांति और उत्साह की भावना को महसूस करते हैं।

अधिक मास अमावस्या पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: क्या अधिक मास अमावस्या केवल धार्मिक पर्व है या उसके और भी पहलु हैं?

उत्तर: अधिक मास अमावस्या केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि उसका महत्व हमारे जीवन को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखने का अवसर भी देता है।

प्रश्न: अधिक मास अमावस्या को घर को सजाने का क्या महत्व है?

उत्तर: घर को सजाने से हम अपने अंदर की खुशी और शांति को व्यक्त करने का अवसर पाते हैं। इसके अलावा, यह हमारी परंपरागत संस्कृति को भी दर्शाता है।

प्रश्न: क्या अधिक मास अमावस्या के दिन मंत्र जाप करना जरूरी है?

उत्तर: मंत्र जाप करना हमारे मन को शांत और ध्यानित रखता है। यदि आप इस दिन मंत्र जाप करते हैं, तो आपको मानसिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव की भावना होती है।

प्रश्न: क्या अधिक मास अमावस्या का महत्व आज के समय में भी है?

उत्तर: हां, अधिक मास अमावस्या का महत्व आज भी है। हम इस दिन के महत्व को समझकर अपने जीवन को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से संबंधित बना सकते हैं।

प्रश्न: कैसे हम अधिक मास अमावस्या की ऊर्जा को अपने जीवन में उपयोग कर सकते हैं?

उत्तर: आप अधिक मास अमावस्या की ऊर्जा को अपने जीवन में उपयोग करने के लिए ध्यान और अभ्यास की प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं।

Author

  • Sudhir Rawat

    मैं वर्तमान में SR Institute of Management and Technology, BKT Lucknow से B.Tech कर रहा हूँ। लेखन मेरे लिए अपनी पहचान तलाशने और समझने का जरिया रहा है। मैं पिछले 2 वर्षों से विभिन्न प्रकाशनों के लिए आर्टिकल लिख रहा हूं। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसे नई चीजें सीखना अच्छा लगता है। मैं नवीन जानकारी जैसे विषयों पर आर्टिकल लिखना पसंद करता हूं, साथ ही freelancing की सहायता से लोगों की मदद करता हूं।

Leave a Comment