अधिक मास अमावस्या हिंदू कैलेंडर में एक विशेष दिन है। यह हिंदू कैलेंडर का 13वां महीना है, और यह माना जाता है कि यह पूर्वजों की पूजा करने के लिए बहुत ही शुभ समय है। इस साल, अधिक मास अमावस्या 16 अगस्त, 2023 को है।
अधिक मास अमावस्या का महत्व
अधिक मास अमावस्या कई कारणों से महत्वपूर्ण है। पहला, यह माना जाता है कि यह समय है जब पूर्वज प्रार्थनाओं और अर्पणों के प्रति अधिक सकारात्मक होते हैं। दूसरा, यह एक समय है जब नकारात्मक कर्मा को दूर करना और नए सिरे से शुरू करना है। तीसरा, यह समृद्धि, खुशी और अच्छी सेहत के लिए आशीर्वाद मांगने का समय है।
अधिक मास अमावस्या पर पूजा करने के लाभ
अधिक मास अमावस्या पर पूजा करने के कई लाभ हैं। कुछ लाभों में शामिल हैं:
* मोक्ष (जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति) प्राप्त करना
* पितृ दोष (पूर्वजों का श्राप) से छुटकारा पाना
* जीवन में सफलता प्राप्त करना
* बाधाओं और समस्याओं से छुटकारा पाना
* सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करना
* स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करना
अधिक मास अमावस्या की पूजा विधि
अधिक मास अमावस्या की पूजा विधि (अनुष्ठान) इस प्रकार हैं:
* सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
* पूजा कक्ष को साफ करें और फूलों से सजाएँ।
* पूजा कक्ष में पूर्वजों की एक छवि स्थापित करें।
* पूर्वजों से प्रार्थना करें और उनका आशीर्वाद मांगें।
* पूर्वजों को अर्पण करें, जैसे कि चावल, दाल, फल और मिठाई।
* अग्नि अनुष्ठान (हवन) करें और पूर्वजों को आहुति दें।
* मंत्रों का जाप करें और पूर्वजों के आशीर्वाद का आह्वान करें।
* पूर्वजों को आरती अर्पित करके पूजा समाप्त करें।
नियम
अधिक मास अमावस्या पर पूजा करने के बाद कुछ नियम हैं जिन्हें एक को पालन करना चाहिए। ये नियम इस प्रकार हैं:
* मांस, मछली और अंडे खाने से बचें।
* शराब और तम्बाकू का सेवन न करें।
* दूसरों के प्रति दयालु और करुणामय बनें।
* गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें।
* ध्यान और आत्मनिरीक्षण में समय बिताएं।
* पवित्र शास्त्र पढ़ें और धार्मिक प्रवचन सुनें।
तिथि और विधियाँ
अधिक मास अमावस्या की तिथि का महत्व अलग होता है। इस दिन देवी-देवताओं की आराधना और पूजा की जाती है। पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
पूजा स्थल की तैयारी:
पूजा का स्थल पवित्र बनाना होता है। विगत अमावस्या से अमावस्या तक पूजा स्थल को साफ-सफाई रखें।
पूजा की सामग्री:
पूजा के लिए अगरबत्ती, दीपक, फूल, जल, धूप, अगरबत्ती, प्रसाद आदि की सामग्री तैयार रखें।
ध्यान और प्रार्थना:
पूजा में ध्यान लगाकर मन को शांत और स्थिर रखें। प्रार्थना के समय अपने उद्देश्य और मनोकामनाओं का संकल्प करें।
अनुष्ठान और लाभ
अधिक मास अमावस्या के दिन पूजा और व्रत का पालन करने से व्यक्ति अध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है। इस दिन की पूजा से हम अपने गुणाहों को माफ करने और अध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होने का संकल्प लेते हैं। व्रत का पालन करने से मन शुद्ध होता है और हम अपने अंतरमन को शांत करने का प्रयास करते हैं।
पितृ तर्पण और श्राद्ध
अधिक मास अमावस्या पर पितृ तर्पण और श्राद्ध का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन पितरों की याद में तर्पण और श्राद्ध करके उनकी आत्माओं को शांति प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। इससे पितृ दोष से मुक्ति भी प्राप्त होती है।
समृद्धि और शुभ कार्य
अधिक मास अमावस्या पर पूजा और व्रत करके व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि और शुभ कार्य प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए साहस और संकल्प का व्रत रखा जाता है।
इस प्रकार, अधिक मास अमावस्या एक अध्यात्मिक और पवित्र पर्व है, जिसमें पूजा और व्रत करके व्यक्ति अपने मन, वचन, और कर्म को शुद्ध कर अध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।
निष्कर्ष
अधिक मास अमावस्या पूर्वजों की पूजा करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशेष दिन है। पूजा विधि और नियमों का पालन करके, एक मोक्ष प्राप्त कर सकता है, पितृ दोष से छुटकारा पा सकता है और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।
अधिक मास अमावस्या पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: अधिक मास अमावस्या और अमावस्या में क्या अंतर है?
उत्तर: अधिक मास अमावस्या हिंदू कैलेंडर का एक विशेष 13वां महीना है, जबकि अमावस्या हर महीने में नए चंद्रमा का दिन है। अधिक मास अमावस्या को अमावस्या से अधिक शुभ माना जाता है।
प्रश्न: अधिक मास अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें?
उत्तर: अधिक मास अमावस्या पर करने योग्य काम पूर्वजों की पूजा करना, उन्हें अर्पण करना और उनका आशीर्वाद मांगना है। अधिक मास अमावस्या पर न करने योग्य काम मांस, मछली और अंडे खाना, शराब और तम्बाकू पीना और नकारात्मक गतिविधियों में शामिल होना है।
प्रश्न: क्या हर महीने की अमावस्या पर पूजा करनी चाहिए?
उत्तर: हर महीने की अमावस्या पर पूजा करना अध्यात्मिक और शुभ होता है।
प्रश्न: अधिक मास का क्या अर्थ है?
उत्तर: अधिक मास एक विशेष समय होता है जब चंद्रमा के विकल्पों में एक अधिक महीना शामिल होता है।
प्रश्न: पूजा में कौन-कौन सी सामग्री चाहिए होती है?
उत्तर: पूजा के लिए मुख्य सामग्री में अगरबत्ती, दीपक, फूल, जल, धूप, अगरबत्ती, प्रसाद, आदि शामिल होती है।
प्रश्न: अधिक मास अमावस्या पूजा का क्या फल है?
उत्तर: इस पूजा से अध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है और मानसिक उन्नति होती है।
प्रश्न: क्या व्रत के दिन कुछ खा-पी सकते हैं?
उत्तर: व्रत के दिन खाने-पीने की सीमाएँ होती हैं।