मुझे बहुत खुशी है कि आज आप सब छुट्टियों का मौसम मनाने के लिए यहां आये। हम में से कई लोगों के लिए, वर्ष का यह समय परिवार और दोस्तों की याद दिलाता है जो हमारे दिल के करीब हैं। यह कहानियों और हँसी को साझा करने और ऐसी यादें बनाने का समय है जो जीवन भर रहेंगी।
आज मैं आपके साथ एक कविता साझा करना चाहती हूं जो क्रिसमस के मौसम की खुशी और भावना को दर्शाता है।
क्रिसमस डे पर कविता
उसके दोनों हाथ भर जाते चॉकलेट से,
जब वो नन्हा बच्चा था।
प्यारा था और छोटा था,
और बातों से भी सच्चा था।।
एक दिन फिर बड़ा हुआ,
और सारी दुनिया बदल गई।
वो बचपन वाली क्रिसमस गिफ्ट,
उंगलियों से जिम्मेदारियों में फिसल गई।।
अब वह कमाता है उनके खातिर,
उनका क्रिसमस स्वप्न सजाने को।
अब अपने बच्चों के नन्हें हाथों में,
नई उम्मीद दिखाने को।।
आएं सबके बचपन की याद
इस क्रिसमस नया कर दें।
आओ इस क्रिसमस में,
हर याद बचपन का भर दें।।
चलो सजाएं उस क्रिसमस ट्री को,
रंग बिरंगे बेलों से।
चलो सुने वो मधुर आवाज़ें,
घंटियों के लंबी रेलों से।।
वो बर्फ़ वाली चद्दर से,
इससे पहले ढक जाए ज़मीन।
आओ खेल ले उसमें थोड़ा,
फिर खेलेंगे ले बर्फ़ महीन।।
बर्फ़ से ततर-तरह के खिलौने बनाकर,
आओ फिर बाजार सजाएं।
बिना पैसे और एकता लेकर,
आओ इसका मौल लगाएं।।
उस छोटे छूटे, पर बड़े हो चुके बच्चे में,
चलो भर दें एक नया भाव।
चलों बसा दें इस क्रिसमस,
एक खुशहाल नया गांव।।
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क्रिसमस पर कविता Infographic



