कविता:अधूरे सपने

“अधूरे सपने” एक हिंदी कविता है जो स्वप्नों, उम्मीदों और असफलताओं के बारे में है। इस कविता में शायद हम अपने अधूरे सपनों को अनुभव करते हैं जो हमें एक नयी दिशा की तलाश में ले जाते हैं और फिर हमारी जिंदगी में नई उम्मीदें पैदा होती हैं।

अधूरे सपने

अधूरे सपने, अधूरे ख्वाब,
कुछ भी पूरा नहीं, कुछ भी सच नहीं।

हर बार एक उम्मीद से खड़ा,
फिर उसी उम्मीद से गिरा,
इस दौर में आगे बढ़ा नहीं कुछ,
अब तक क्यों इस तलाश में बसा हूँ?

हाथों की लकीरों पर जगह मिलती है,
पर नसीब का गम सबको होता है।
किस्मत के खेल से डर लगता है,
मगर जीत के लिए हम तैयार नहीं होते हैं।

अधूरे सपने, अधूरी ख्वाहिशें,
इस जहाँ में सब कुछ अधूरा है।
फिर भी हम ना रुकेंगे इस सफ़र में,
ये दौर तो नहीं रुकने वाला है।

हम अपनी ताक़त से जीते हैं,
हर मुश्किल से लड़ते हैं।
अधूरी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए,
हम बस आगे बढ़ते हैं।

अधूरे सपने, अधूरी ख्वाहिशें,
फिर भी हम आगे बढ़ते रहेंगे।
क्योंकि हम जानते हैं कि जीत हमारी है,
हम हार नहीं मानेंगे।

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Author

  • Arushi Singh

    I am a student who loves to write. I am currently in class 12th from science stream. I love writing and that's why I'm here. I write about topics and issues that I find interesting or that relate to all of us. I hope you enjoy reading my articles as much as I enjoyed writing them.

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