यह कविता ज़िन्दगी के सफर को बखूबी बयां करती है। इसमें बताया गया है कि हम जीवन में कितने ही अकेले क्यों ना हों, खुशी और गम हम सभी के साथ होते हैं। हम संघर्षों से नहीं डरना चाहिए और हमेशा आगे बढ़ने की हिम्मत रखनी चाहिए। जीत या हार, हम सभी कुछ सीखते हैं और नई चुनौतियों का सामना करते हुए हम जीवन को खूबसूरत बनाते हैं।
ज़िन्दगी का सफर: हार, जीत और उम्मीद
ज़िन्दगी का सफर था,
हर मोड़ पर थे हम अकेले,
खुशी, गम सबके साथ होते थे,
जब भी थक जाते थे सब वक्त मिलता था थोड़ी देर के लिए सो जाते थे।
किसी के साथ जीवन भर का साथ चाहते हैं,
कुछ खो देने से डरते हैं,
लेकिन हर उदास पल के बाद उस रोशनी को देखते हैं,
जो एक नई सोच, एक नई उम्मीद का दरवाजा खोलती है।
हमेशा हर दिन को संभाल कर जीना होता है,
हर समस्या को उठाकर उसका सामना करना होता है,
कुछ चीजों को खोते हुए जीना होता है,
लेकिन हर खोये चीज के बाद कुछ नया मिलता है।
ज़िन्दगी की यही खूबसूरती है,
हम जीतते हैं और हारते हैं इसमें,
लेकिन हार और जीत से अधिक,
हम उस संघर्ष में हमेशा आगे बढ़ते हैं।
कभी हार में नहीं हिम्मत खोनी चाहिए,
क्योंकि हार ही तो जीत का मौका देती है,
कभी जीत में अहंकार नहीं होना चाहिए,
क्योंकि जीत ही तो बचे रहने का हक देती है।
ज़िन्दगी के सफर में हर दिन कुछ सीखना होता है,
हर समस्या से नई चुनौतियों का सामना करना होता है,
जब तक आगे बढ़ते हैं, तब तक हार और जीत का नतीजा नहीं मिलता है,
लेकिन जीत का स्वाद ही तो जीवन को खूबसूरत बनाता है।
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