रक्षाबंधन इस वर्ष 30 अगस्त 2023, बुधवार दिन मनाया जा रहा है और हम यहां आपको दिखाने आए हैं कि आप इस उत्सव का आनंद कैसे ले सकते हैं। क्या आपको पता है की रक्षाबंधन का पर्व 600 वर्ष पुराने ग्रंथों में उल्लेखित पाया गया है। रक्षाबंधन एक हिंदू पर्व है जो कि एक भाई और बहन के रिश्ते को मनाता है। पारंपरिक रूप से बहन भाई की कलाई पर एक पवित्र धागा बांधती है। भाई अपनी बहन को तोहफा देता है और उसकी सुरक्षा का तथा उसे हर बार नुकसान से बाहर रखने का वचन लेता है। इसके बाद एक दूसरे को मिठाइयां देकर रस्म अदा की जाती है।
रक्षाबंधन का इतिहास
रक्षाबंधन की उत्पत्ति के इर्द-गिर्द कई कहानियां घूमती हैं। एक बताती है कि रक्षाबंधन की शुरुआत ‘महाभारत’ के समय में हुई है, जो एक महाकाव्य कविता है और हिंदू पौराणिक कथाओं में दो प्रमुख घटनाओं में से एक है। यह कहानी उस घटना की है जब कृष्ण ने अपनी उंगली काट ली थी और द्रौपदी ने उनकी मदद की।
द्रौपदी ने अपनी साड़ी में से कपड़े का एक टुकड़ा काटा और उसे खून को रोकने के लिए चोट के चारों ओर बांध दिया। बहन के प्रेम के इस हरकत के बाद कृष्ण ने उनकी भाई की तरह रक्षा करने का प्रण लिया। वह कपड़ा बाद में धागा बन गया और एक भाई एवं बहन के बीच के बंधन का प्रतीक बन गया।

अन्य कहानियां हैं जो बताती हैं कि रक्षाबंधन तीसरी शताब्दी में लोकप्रिय हुआ होगा जब सिकंदर ने भारतीय राजा पुरु को क्रोधित कर दिया था। सिकंदर की पत्नी, रक्षाबंधन के त्यौहार से अवगत, राजा पुरु के पास राखी लेकर पहुंची। राजा पुरु ने सिकंदर के खिलाफ युद्ध ना करने का फैसला लिया।
कुछ लोग बोलते हैं कि यह त्योहार 16वीं शताब्दी में फैला होगा जब चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने एहसास किया कि वह बहादुर शाह (गुजरात) के आक्रमण के खिलाफ महल की रक्षा नहीं कर सकती थीं, तो उन्होंने मुगल सम्राट हुमायूँ को एक कंगन भेजा।
दुनिया घर में भारतीय इस त्योहार को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। यह परिवारों के लिए एक साथ आने का दिन है और यह विशेष प्रार्थनाएं (‘पूजा’) को शामिल करता है। यह एक शुभ दिन माना जाता है।
रक्षाबंधन की समयावधि
6000 ई.पू.
रक्षाबंधन का जन्म
द्रौपदी कृष्ण के घाव पर साड़ी का एक टुकड़ा बांधती हैं।
1500 ई.पू.
रक्षाबंधन का विकास
रक्षाबंधन हर धर्म के लोगों द्वारा मनाया गया।
1905
सामूहिक रक्षाबंधन उत्सव
नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर विभिन्न समुदायों/धर्मों के लोगों को एकजुट करने, एकता का बढ़ावा देने और आशा फैलाने के लिए पुरुषों और महिलाओं को राखी बांधने के लिए प्रोत्साहित किया।
2000 के दशक
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन दुनियाभर में लाखों भारतीय द्वारा मनाया जाना जारी है।
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रक्षाबंधन पर सामान्य प्रश्न
क्या रक्षाबंधन सार्वजनिक अवकाश है?
भारत में रक्षाबंधन एक सार्वजनिक अवकाश नहीं है और वैकल्पिक अवकाश है। कुछ दफ्तर व पाठशालाएं एक दिन की छुट्टी की घोषणा करते हैं।
आप राखी कब उतार सकते हैं?
हालांकि राखी कब उतारनी चाहिए, इस बारे में कोई विशेष नियम नहीं है, यह सुझाव दिया जाता है कि राखी को रक्षाबंधन के पंद्रहवें दिन उतारनी चाहिए, जो कि महाराष्ट्र में पोला का धन्यवाद पर्व है।
राखी किस हाथ पर बांधी जाती है?
राखी आमतौर पर भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर बांधी जाती है। हांलांकि यह कोई सख्त नियम नहीं है।
रक्षाबंधन कैसे मनाएं

- राखी बांधें
यह एक अच्छी बहन होने का समय है। अपने नज़दीकी दुकान से एक राखी खरीदें अथवा इसे ऑनलाइन प्राप्त करें। यदि आप भारतीय परंपरा का पालन करते हैं तो ‘पूजा’ (प्रार्थना) में भाग लें। अपने भाई की कलाई पर राखी बांधें। आप अपने भाई के माथे पर तिलक ( केसर पाउडर ) भी लगा सकते हैं। अपने भाई से तोहफा लेना याद रखें।
- इसे सोशल मीडिया पर साझा करें
सबको इस दिन के महत्व को जानने दें। अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए अपनी तस्वीर लें और उन्हें ऑनलाइन साझा करें। आप दूसरों को समारोह में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए पोस्ट भी लिख सकते हैं।
- पारंपरिक भारतीय मिठाइयां बनाएं
कई भारतीय मिठाईयां हैं जो आप बना सकते हैं। लड्डू, जलेबी, गुलाब जामुन, रसमलाई अथवा काजू कतली बनाने का प्रयास करें। अगर आपके पास एक मिठाई की दुकान है जो इन भारतीय मिठाइयों को बेचती है तो आप इन्हें खरीद भी सकते हैं।
राखी के बारे में 5 तथ्य (facts) जो आपके होश उड़ा देंगे

1. वे विभिन्न सामग्रियों से बनती हैं
राखियां कपास, रेशम, साटन, इत्यादि के धागों से बनती हैं।
2. वे विभिन्न प्रकारों में आती हैं
राखियां विभिन्न प्रकारों में आती हैं जैसे मनके की राखियां, कंगन प्रकार, मोती की राखियां, ज़री वर्क की राखियां।
3. विभिन्न उद्देश्यों के लिए राखियां हैं
लुंबा राखियां महिलाओं द्वारा अपनी भाभी को बांधी जाती हैं।
4. वे ज़्यादातर कोलकाता में होती हैं
भारत का कोलकाता शहर, देश में सबसे ज़्यादी राखियों का उत्पादन करता है।
5. राखियां भक्तों को भी दी जाती हैं।
जैन धर्म में मंदिर के पुजारी रक्षाबंधन पर भक्तों को राखी दे सकते हैं।
रक्षाबंधन क्यों ज़रूरी है
1. यह एक भाई और एक बहन के बीच के रिश्ते को मनाता है
दुनिया में कई त्योहार नहीं हैं जो भाई और बहन के रिश्ते को मनाते हैं। रक्षाबंधन भाईयों और बहनों को अपने स्नेह का जश्न मनाने और एक दूसरे के लिए कुछ करने का अवसर प्रदान करता है।
2. यह हमें परिवार के साथ समय बिताने का मौका देता है
यह दिन परिवार में सबको और करीब लाता है। दिन की शुरुआत पूजा, पारंपरिक व्यंजनों की तैयारी और परिवार के साथ समय बिताने से होती है।
3. यह सीखने का दिन है
यह दिन हमें विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में जानने कि अनुमति देता है।
रक्षाबंधन तिथियां
वर्ष | तिथि | दिन |
2022 | अगस्त 11 | गुरुवार |
2023 | अगस्त 30 | बुधवार |
2024 | अगस्त 19 | सोमवार |
2025 | अगस्त 8 | शुक्रवार |
2026 | अगस्त 28 | शुक्रवार |
Faqs
Q. 2023 में रक्षा बंधन का समय क्या है?
A. रक्षा बंधन 30 अगस्त 2023, बुधवार को मनाया जाएगा। इस वर्ष शुभ मुहूर्त (पूर्णिमा तिथि) 30 अगस्त 2023 12ः28 से 31 अगस्त 2023 08ः35 बजे तक प्रभावी रहेगा।
Q. रक्षा बंधन कब मनाया जायेगा?
A. ज्योतिषियों का कहना है कि 30 अगस्त को कभी भी राखी बांधी जा सकती है क्योंकि इस दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है।31 अगस्त को जो कोई भी राखी बांधना चाहता है वह ऐसा कर सकता है।
Q. क्या है रक्षा बंधन मनाने की वजह?
A. इस दिन एक बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है ताकि वह अपने भाई की समृद्धि, स्वास्थ्य और कल्याण की प्रार्थना कर सके।
Q. भद्रा काल क्या है?
A. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यही कारण है कि भद्राकाल में राखी भी नहीं बांधी जाती है। भद्रा भगवान सूर्यदेव की बेटी और राजा शनि की बहन हैं। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी कठोर बताया गया है।