कविता-वक़्त की बरखा

“वक़्त की बरखा” एक कविता है जो वक़्त की अनमोलता पर ध्यान केंद्रित करती है। इस कविता में कवि वक़्त की गति को समझने की आवश्यकता को बताते हुए, इसे एक बरखा के रूप में दर्शाते हैं जो हमारे जीवन में बरसती है। इस कविता में बताया गया है कि जीवन में समय बहुत कीमती … Read more

कविता-वक्त के साथ अपना जहां संवारते हुए

वक्त के साथ अपना जहां संवारते हुए

यह कविता एक व्यक्ति के संघर्ष को दर्शाती है, जो वक्त की दीवार के सहारे अपने जीवन का मुकाम निहारता है। वह हर बार गिरता है, फिर उठता है और अपना जहां संवारता है। ज़िन्दगी की नई फसल कटती जाती है, लेकिन उस व्यक्ति के लिए कोई मंज़िल का इंतज़ार नहीं होता, क्योंकि वह हर … Read more