चलो! सबसे पहले हम ओणम की कहानी के बारे में बात करते हैं। यह कहानी दैत्य राजा महाबली और भगवान वामन की है। कहने का मतलब है, यह बात है पुराने समय की, जब भगवान वामन ने एक छोटे से ब्राह्मण के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया था। महाबली एक असुर राजा था, लेकिन उसका दिल साफ और दानवीर था। उसने भगवान से प्रार्थना की कि वह उसे तीन कदम ज़मीन दे दें। उसका यह निश्चय सुन कर, भगवान वामन ने उसका परीक्षण लिया। वह तीन कदम में ही पूरी पृथ्वी को अपने अलग-अलग रूपों में समर्पण कर दी। आखिरकार, महाबली को पत्थर पर रखते हुए भगवान ने उसके सिर पर कदम रखा। लेकिन महाबली का पुण्य और दानवीर मन देख कर, भगवान ने उसे एक वरदान दिया कि वह एक साल के लिए अपने प्रजा के बीच आएंगे, जिसे वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है।
ओणम का आध्यात्मिक महत्व
इस त्योहार के पीछे एक गहरा आध्यात्मिक महत्व है। ओणम का जश्न मनाते समय लोग महाबली की याद में प्रजा की देखभाल करते हैं। यह त्योहार दिखाता है कि प्यार, सामंजस्य, और एकता को कितना महत्व दिया जाता है। इससे यह संदेश मिलता है कि चाहे आप असुर हो या देवता, हम सभी एक ही परिवार के हैं।
ओणम का जश्न मनाना
ओणम का जश्न पूरी धूमधाम से मनाया जाता है, और ऐसा लगता है जैसे सारा केरल एक साथ नाच रहा हो। हर तरफ रंगोली जैसे पूकलम दिखाई देती है, जो कहती है प्राकृतिक सौंदर्य का महत्व। पर यही नहीं, सद्या नामक महाभोज में भी मज़ा है। इसमें इतने सारे स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं कि खाते समय उनका मज़ा ही कुछ और होता है।
पूकलम: प्राकृतिक कला
पूकलम का मतलब होता है रंगोली या फूलों की गली। ओणम के दिन, घर के आंगन में यह बनाई जाती है ताजगी से। आपको यकीन नहीं आएगा, लेकिन यह 10 से 15 दिन तक खिले रहते हैं! इसमें सारे प्रकार के फूल इस्तेमाल होते हैं, जैसे मैरिगोल्ड, गुलाब, क्रिसैंथममम, और सनफ्लावर्स। यह देख कर लगता है कि प्रकृति ने खुद ही अपने रंग खिला दिए हैं!
सद्या: महाभोज
ओणम का मतलब तो खाना-पीना और नाच-गाना और मनाने का है! और वह क्या दिन है जब सद्या का सामान उपस्थित होता है! सद्या एक प्रकार का बड़े परांठे वाला भोजन होता है, जिसमें आपको मिलते हैं चावल, सांभर, रसम, थोरन, अवियल, ओलान, पचड़ी, किचड़ी, पिकल, पापड़, पायसम, और और भी कई चीजें। इसमें से किसी एक को छोड़कर भी आपका ओणम अधूरा है!
वल्लंकलि: नौका रेस
क्या आपने कभी वल्लंकलि देखा है? यह तो वो नौका रेस होते हैं जिनमें लोगों की ऊर्जा और सहयोग देखकर मज़ा आता है। वैसे तो इस रेस में अलग-अलग प्रकार की नौके होती हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध होती हैं चुंदन वल्लम्स। इस रेस का हिस्सा बनना और उसमें भाग लेना, दोनों ही अलग मज़ा है!
पुलिकाली: खिलखिलाता परेड
अगर आपको नृत्य पसंद है तो ओणम आपके लिए पर्फेक्ट है! पुलिकाली नाम से एक ऐसा परेड होता है जिसमें लोग शेर के रूप में तैयार होते हैं। आपको बड़ा अजीब सा लग सकता है, लेकिन इस शेर की तरह के नृत्य परेड में आपको एकदम मस्ती मज़ा आता है!
ओणम सद्या के स्वादिष्ट व्यंजन
अब बात करते हैं वो स्वादिष्ट व्यंजनों की जो सद्या में मिलते हैं। अवियल तो वो है जिसमें मिक्स सब्जी होती है, थोड़ा सा मसालेदारी के साथ। थोरन में आपको सब्जियां मिलेंगी लेकिन वो अलग-अलग तरह से तड़के वाली। पचड़ी में कच्चे आम का स्वाद आता है, और ओलान में लौकी का मज़ा है। इनमें से किसी एक को छोड़ कर भी आपका ओणम अधूरा है!
ओणम खरीददारी और उपहार
ओणम के दिनों में खरीददारी भी कुछ ख़ास होती है। लोग अपने घर को सजाने-सवरने के लिए नए कपड़े खरीदते हैं। और कुछ विशेष उपहार भी खरीदते हैं अपने प्यारों के लिए। तो अगर आपको खरीददारी पसंद है, तो ओणम आपके लिए डबल धमाल है!
ओणम और फसल का मौसम
ओणम को अक्सर फसलों का त्योहार भी कहा जाता है। यह त्योहार केरल में धान, नारियल, और सभी प्रकार के फल-फूल का सामान होता है। और ओणम इस खुशी का इजहार करने का एक मौका है।
ओणम आज: सांस्कृतिक पुनर्निर्माण
आज के समय में, हमारे पास पर्यावरण की देखभाल करने का ज़िम्मेदारी है। इसीलिए कुछ लोग पर्यावरण-सहिष्णु ओणम का आयोजन करते हैं। उनका मक़सद है कि वो पूकलम को हानिकारक रसायनों और प्लास्टिक के बिना बनाएं, ताकि प्रकृति को कोई नुक़सान न पहुँचे।
निष्कर्ष
तो यह था ओणम त्योहार, जिसे केरल में प्यार से मनाया जाता है। यह त्योहार न केवल खाना-पीना और नाच-गाने का है, बल्कि इसमें एक गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी छुपा होता है। ओणम के दिन लोग एक साथ आते हैं, प्यार और एकता का इजहार करते हैं, और प्रकृति की सुंदरता का मनोरंजन करते हैं। तो आइए, इस ओणम को एक नई रौशनी से देखें और इस खूबसूरत त्योहार का आनंद लें!
ओणम त्योहार पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: क्या ओणम केवल केरल में मनाया जाता है?
उत्तर: नहीं, ओणम को दुनिया भर में फैलाया जाता है, खासकर गल्फ क्षेत्रों में रहने वाले मलयाली लोग इसे मनाते हैं।
प्रश्न: ओणम के दौरान नौका रेस का महत्व क्या है?
उत्तर: नौका रेस, जिसे वल्लंकलि कहा जाता है, सहयोग और परंपरा का प्रतीक होता है, और यह केरल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करता है।
प्रश्न: ओणम को एक फसल त्योहार क्यों माना जाता है?
उत्तर: ओणम केरल में धान की पूर्व संक्रांति पर मनाया जाता है, जब केरल में फसल बहुत प्रचुर होती है, इसलिए यह आभार और मनाने का समय होता है।
प्रश्न: पूकलम का महत्व क्या है ओणम के जश्न में?
उत्तर: पूकलम, यानी फूलों की रंगोली, प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा करने का एक तरीका है और ओणम की सजावट का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।
प्रश्न: ओणम ने सालों के साथ कैसे विकसित हुआ है?
उत्तर: ओणम को एक स्थानीय त्योहार से एक वैश्विक उत्सव बनाने में सफलता मिली है, जिससे सांस्कृतिक और परंपराओं की टिकाऊता को हानि नहीं पहुँचाते हुए प्रमोट किया गया है।