Financial Glossary: 50 ज़रूरी फाइनेंशियल टर्म्स जो हर निवेशक को पता होने चाहिए

अगर आप फाइनेंस और इन्वेस्टिंग की दुनिया में कदम रख रहे हैं, तो यहाँ इस्तेमाल होने वाले शब्दों को समझना बहुत ज़रूरी है। फाइनेंशियल टर्म्स कई बार मुश्किल लग सकते हैं, लेकिन इनकी समझ आपको एक बेहतर और कॉन्फिडेंट निवेशक बना सकती है। इस आर्टिकल में हम आपको 50 ज़रूरी फाइनेंशियल टर्म्स के बारे में बताएंगे जो हर निवेशक को पता होने चाहिए।


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फाइनेंशियल टर्म्स समझना क्यों है ज़रूरी?

चाहे आप नए निवेशक हों या अनुभवी, फाइनेंशियल टर्म्स की समझ आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी को बेहतर बना सकती है, आपको स्मार्ट निर्णय लेने में मदद करती है और आपको मार्केट ट्रेंड्स से अपडेटेड रखती है। इन टर्म्स को समझकर आप फाइनेंशियल न्यूज़ को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे, निवेश के विकल्पों का मूल्यांकन कर सकेंगे, और एडवाइज़र्स से सही तरीके से बात कर पाएंगे।


50 ज़रूरी फाइनेंशियल टर्म्स जिन्हें हर निवेशक को जानना चाहिए

यहाँ 50 मुख्य फाइनेंशियल टर्म्स की लिस्ट है जो आपकी समझ को बेहतर बनाएंगे। आइए जानते हैं इनका आसान भाषा में मतलब।


ज़रूरी फाइनेंशियल टर्म्स
AI से जनरेट की गई तस्वीरें

1. Asset

Asset वो चीजें होती हैं जिनकी आपके पास वैल्यू होती है, जैसे कैश, प्रॉपर्टी, स्टॉक्स और बॉन्ड्स।

2. Liability

Liability वो वित्तीय जिम्मेदारियाँ या कर्ज होते हैं जो आपको चुकाने होते हैं, जैसे लोन और मॉर्गेज।

3. Net Worth

Net Worth आपके टोटल एसेट्स और लायबिलिटीज का अंतर होता है। यह आपकी वित्तीय सेहत को मापता है।

4. Equity

Equity का मतलब होता है किसी एसेट में आपकी हिस्सेदारी, जैसे स्टॉक्स में शेयरहोल्डर्स की हिस्सेदारी।

5. Return on Investment (ROI)

ROI इन्वेस्टमेंट से हुए प्रॉफिट को मापता है, जो इन्वेस्टमेंट की शुरुआती कॉस्ट का अनुपात होता है।

6. Dividend

Dividend वो पेमेंट होती है जो कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को प्रोफिट से देती है।

7. Capital Gain

Capital Gain वो प्रॉफिट है जो किसी एसेट को खरीदने की कीमत से ज्यादा में बेचने पर मिलता है।

8. Bond

Bond एक फिक्स्ड-इनकम इन्वेस्टमेंट होता है जिसमें निवेशक किसी एंटिटी को लोन देते हैं और बदले में इंटरेस्ट पाते हैं।

9. Interest Rate

Interest Rate वो फीस होती है जो लोन पर दी जाती है, जो लोन अमाउंट का एक प्रतिशत होती है।

10. Inflation

Inflation उस दर को कहते हैं जिस पर सामान और सर्विसेस के दाम बढ़ते हैं, जिससे क्रय शक्ति कम होती है।


11. Bull Market

Bull Market वो पीरियड होता है जब स्टॉक्स के दाम लगातार बढ़ रहे होते हैं।

12. Bear Market

Bear Market वो समय होता है जब स्टॉक्स के दाम 20% या उससे ज्यादा गिर जाते हैं।

13. Portfolio

Portfolio आपकी फाइनेंशियल एसेट्स का कलेक्शन होता है, जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स और अन्य निवेश।

14. Diversification

Diversification एक रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी होती है जिसमें आपके निवेश को अलग-अलग एसेट्स में फैलाया जाता है।

15. Mutual Fund

Mutual Fund एक इन्वेस्टमेंट होता है जिसमें कई निवेशकों का पैसा मिलाकर स्टॉक्स, बॉन्ड्स आदि में निवेश किया जाता है।

16. Exchange-Traded Fund (ETF)

ETF एक सिक्योरिटी होती है जो किसी इंडेक्स, कमोडिटी, या अन्य एसेट को ट्रैक करती है और स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होती है।

17. Liquidity

Liquidity का मतलब होता है कि कोई एसेट कितनी आसानी से कैश में बदला जा सकता है।

18. Credit Score

Credit Score एक नंबर होता है जो किसी व्यक्ति की क्रेडिटवर्थिनेस को दर्शाता है और लोन देने में मदद करता है।

19. Debt-to-Income Ratio

यह रेशियो किसी व्यक्ति के कर्ज को उसकी इनकम से तुलना करके उसकी कर्ज चुकाने की क्षमता को बताता है।

20. Asset Allocation

Asset Allocation एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी है जिसमें पोर्टफोलियो को अलग-अलग एसेट कैटेगरीज में बांटा जाता है, जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स और कैश।


21. Compound Interest

Compound Interest वो इंटरेस्ट है जो प्रिंसिपल और पहले की अवधि के इंटरेस्ट पर भी मिलता है।

22. Risk Tolerance

Risk Tolerance वो स्तर है जिसे निवेशक अपने निवेश में जोखिम के रूप में सहन कर सकते हैं।

23. Principal

Principal वो शुरुआती अमाउंट है जो निवेश किया जाता है या उधार दिया जाता है।

24. Yield

Yield किसी इन्वेस्टमेंट पर हुई इनकम को दर्शाता है, आमतौर पर इसे प्रतिशत में मापा जाता है।

25. Capital

Capital फाइनेंशियल एसेट्स या फंड्स को दर्शाता है जो किसी बिजनेस या व्यक्ति के निवेश के लिए होते हैं।

26. Hedge

Hedge एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी है जो किसी एसेट की प्राइस मूवमेंट के जोखिम को कम करने के लिए होती है।

27. Blue-Chip Stocks

Blue-Chip Stocks बड़े, स्थिर और वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियों के शेयर होते हैं जो नियमित ग्रोथ और डिविडेंड पेमेंट का इतिहास रखते हैं।

28. Market Capitalization

Market Capitalization किसी कंपनी की कुल मार्केट वैल्यू होती है, जो शेयर प्राइस और टोटल शेयर्स के गुणनफल से मापा जाता है।

29. Index

Index एक सांख्यिकीय माप है जो एसेट्स के ग्रुप के परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है, जैसे S&P 500।

30. Volatility

Volatility एसेट की प्राइस में समय के साथ होने वाले बदलाव को दर्शाता है और इसे रिस्क का माप माना जाता है।


31. Fixed Income

Fixed Income वो इन्वेस्टमेंट्स हैं जो नियमित और निश्चित रिटर्न प्रदान करते हैं, जैसे बॉन्ड्स।

32. Inflation-Adjusted Return

यह इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न की वो दर है जिसमें मुद्रास्फीति का समायोजन किया गया है।

33. Dividend Yield

Dividend Yield एक वित्तीय अनुपात है जो किसी कंपनी के डिविडेंड को उसके स्टॉक प्राइस से तुलना करता है।

34. P/E Ratio (Price-to-Earnings Ratio)

P/E Ratio एक वैल्यूएशन माप है जो करंट शेयर प्राइस को उसके प्रति शेयर इनकम से तुलना करता है।

35. Gross Income

Gross Income वो टोटल इनकम होती है जो किसी व्यक्ति या बिजनेस ने कमाई होती है, बिना किसी कटौती या टैक्स के।

36. Net Income

Net Income वो इनकम होती है जो सभी खर्चों और टैक्स के बाद बचती है।

37. Financial Statement

Financial Statement एक कंपनी की वित्तीय गतिविधियों का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है, जिसमें बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट शामिल होते हैं।

38. Assets Under Management (AUM)

AUM किसी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन या इन्वेस्टमेंट मैनेजर द्वारा मैनेज किए गए टोटल एसेट्स की मार्केट वैल्यू को दर्शाता है।

39. Depreciation

Depreciation किसी एसेट के मूल्य में समय के साथ गिरावट को दर्शाता है, जैसे कि इसके प्रयोग के कारण।

40. Leverage

Leverage का मतलब है उधार लिए गए फंड्स का उपयोग इन्वेस्टमेंट पर संभावित रिटर्न बढ़ाने के लिए करना।


41. Cash Flow

Cash Flow किसी बिजनेस में कैश का नेट फ्लो होता है, जो उसकी लिक्विडिटी और वित्तीय सेहत को मापता है।

42. Equity Financing

Equity Financing का मतलब है कंपनी में शेयर बेचकर पूंजी जुटाना।

43. Debt Financing

Debt Financing में ब्याज सहित चुकाने के लिए पैसा उधार लिया जाता है।

44. IPO (Initial Public Offering)

IPO वो समय होता है जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को ऑफर करती है ताकि वो एक्सटर्नल निवेशकों से पूंजी जुटा सके।

45. Fiduciary

Fiduciary वो व्यक्ति या संस्था होती है जो दूसरे की ओर से काम करती है और उनके हितों को प्राथमिकता देती है।

46. Arbitrage

Arbitrage वो स्ट्रेटेजी है जिसमें एक ही एसेट को अलग-अलग मार्केट्स में खरीदने और बेचने से प्राइस डिफरेंस से प्रॉफिट कमाया जाता है।

47. Working Capital

Working Capital किसी कंपनी के करंट एसेट्स और करंट लायबिलिटीज का अंतर होता है, जो उसकी शॉर्ट-टर्म वित्तीय सेहत को दर्शाता है।

48. Asset Management Company (AMC)

AMC वह कंपनी होती है जो निवेशकों के पैसे को स्टॉक्स, बॉन्ड्स जैसे एसेट्स में निवेश करने का काम करती है।

49. Venture Capital

Venture Capital वो फंडिंग होती है जो स्टार्टअप्स और छोटे बिजनेस को उनके ग्रोथ पोटेंशियल के बदले इक्विटी के रूप में दी जाती है।

50. Custodian

Custodian एक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन होता है जो निवेशकों के एसेट्स को सुरक्षित रखने का काम करता है, जैसे कि म्यूचुअल फंड में।


निष्कर्ष: फाइनेंशियल टर्म्स को समझकर बनाएं आत्मविश्वासी निवेशक

इन ज़रूरी फाइनेंशियल टर्म्स को समझना एक अच्छा निवेशक बनने की दिशा में पहला कदम है। इन टर्म्स की समझ आपको फाइनेंस की दुनिया में आत्मविश्वास से नेविगेट करने, प्रोफेशनल्स से सही तरीके से बात करने और स्मार्ट इन्वेस्टमेंट निर्णय लेने में मदद करेगी। इस ग्लॉसरी को अपने पास रखें और जब भी किसी नए टर्म से सामना हो, तो इसे जरूर पढ़ें और अपनी वित्तीय समझ को बढ़ाते रहें।


सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: फाइनेंशियल टर्म्स को समझना क्यों जरूरी है?
उत्तर: फाइनेंशियल टर्म्स की जानकारी से आप बेहतर इन्वेस्टमेंट निर्णय ले सकते हैं, मार्केट ट्रेंड्स को समझ सकते हैं और फाइनेंशियल प्रोफेशनल्स के साथ सही ढंग से बात कर सकते हैं।

प्रश्न: इन टर्म्स के बारे में और जानकारी कहां से मिलेगी?
उत्तर: आप फाइनेंशियल बुक्स पढ़कर, भरोसेमंद फाइनेंस वेबसाइट्स फॉलो करके या फाइनेंशियल एडवाइज़र से कंसल्ट करके इन टर्म्स के बारे में और जान सकते हैं।

प्रश्न: क्या इन्वेस्टिंग शुरू करने के लिए मुझे ये सब टर्म्स जानना जरूरी है?
उत्तर: नहीं, लेकिन इन बेसिक्स को समझने से आपको इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट में ज्यादा आराम और आत्मविश्वास महसूस होगा।


यह आर्टिकल इन्वेस्टर्स को फाइनेंशियल टर्म्स की जानकारी देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे पढ़कर आप फाइनेंस की भाषा को आसानी से समझ पाएंगे और इन्वेस्टिंग की दुनिया में बेहतर ढंग से कदम रख पाएंगे।

Author

  • Rohit Kumar

    रोहित कुमार onastore.in के लेखक और संस्थापक हैं। इन्हे इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारियों के बारे में लिखना अच्छा लगता है। जब वह अपने कंप्यूटर पर नहीं होते हैं, तो वह बैंक में नौकरी कर रहे होते हैं। वैकल्पिक रूप से [email protected] पर उनके ईमेल पर संपर्क करने की कोशिश करें।

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