“डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जन्म दिवस पर जानिए उनके जीवन और संविधान निर्माण में उनके योगदान के बारे में”

डॉ. भीमराव अम्बेडकर: एक राष्ट्रनिर्माता के जीवन की कहानी

अम्बेडकर का जन्म कब हुआ? अम्बेडकर जैसे महापुरुष के बारे में जानना हमारे इतिहास और समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने भारत को समझाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। इसलिए, उनकी जन्मतिथि जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम अम्बेडकर के जन्म के बारे में … Read more

“डॉ. भीमराव अम्बेडकर का भारत और विश्व पर प्रभाव: उनकी दृष्टि और विरासत पर विचार”

डॉ. भीमराव अम्बेडकर का भारत और विश्व पर प्रभाव: उनकी दृष्टि और विरासत पर विचार

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय जब स्वतंत्रता के सपने के बारे में लोग सोचते थे, तब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारत की आधुनिक नीति और उनके सपने को समाजिक न्याय के माध्यम से साकार करने की जरूरत को दिलाया। वे भारत के संविधान निर्माता थे और संविधान में उनके सोच का विस्तृत प्रतिबिंब दर्शित … Read more

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर पुण्यतिथि 2023: क्या है महापरिनिर्वाण दिवस? हम 6 दिसंबर को इसे क्यों मनाते हैं?

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर पुण्यतिथि: क्या है महापरिनिर्वाण दिवस? हम 6 दिसंबर को इसे क्यों मनाते हैं?

जिस दिन डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की पुण्यतिथि मनाई जाती है उसे महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में जाना जाता है। यह दिन 6 दिसंबर को मनाया जाता है। उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए लोगों का एक जमावड़ा होता है, और उनमें से कई दादर में चैत्य भूमि पर “जय भीम” के नारे लगाते हुए … Read more

Reserve Bank of India: जब बाबासाहेब अम्बेडकर की एक पुस्तक ने रिजर्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

Reserve Bank of India

डॉ बाबासाहेब अंबेडकर की ‘problem of rupee’ नामक किताब 1923 में लंदन में प्रकाशित हुई थी। उस समय उनकी उम्र केवल 32 साल थी। वह ‘London school of economics’ से अपना पहला Doctorate कर रहे थे। यह उस समय उनका शोध का विषय था। लेकिन इस शोध के परिणामों ने भारतीय और ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में … Read more

डॉ. भीम राव आंबेडकर: दलित सशक्तिकरण का मसीहा

डॉ. भीम राव आंबेडकर

जो धर्म दो लोगों के बीच भेदभाव करता है वह धर्म पक्षपातपूर्ण सशक्तिकरण है। जो धर्म अपने लोगों के साथ बदतर व्यवहार करता है वह कोई धर्म नहीं होता। सामाजिक संरचना की ‘‘चतुर्वर्ण आश्रम ‘से अधिक अपमानजनक बातें नहीं हो सकती। यह वह प्रणाली है जो पवित्रता और अशुद्धता की धारणाओं को वैध बनाती है, … Read more