“Letters are expectation packaged in an envelope”
~ “Shand Alexandar”
हाँ, ये उम्मीदें हीं तो हैं जो हम सभी को कुछ कर गुजरने का हौसला देती हैं तभी तो मानव जाति के द्वारा मन के विचारों (thoughts) और भावों (expression) को व्यक्त करने के सिलसिले ने सांकेतिक भाषाओं से शुरू होकर चित्रलिपि और पुनः लेखन में परिवर्तित होने का एक लंबा सफर तय किया है। शायद, यही वजह है कि आज की तकनीकों (Technologies) से लैस इस 21st सदी (century) में हम और आप अपनी भावनाओं को दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति तक पत्र लेखन द्वारा आसानी से पहुँचा पा रहे हैं, फिर चाहे वो इंटरनेट द्वारा ईमेल के जरिये हो या फिर किसी समारोह में प्रशस्ति पत्र या कार्ड पर अपने अनमोल शब्दों को अभिनंदन पत्र के प्रारूप में लिखकर किया जाए,दोनों ही परिस्थितियों में ये एक मानपत्र की भांति विशिष्टता प्रदर्शित करने का बेहतरीन माध्यम है।
दोस्तों, आज के अपने इस अंक में मैं पत्र लेखन की इसी बहुउपयोगी विधा अभिनंदन पत्र यानि “Welcome Letter” के बारे में विस्तार से चर्चा करूंगा।
अभिनंदन पत्र क्या है ?
अभिनंदन पत्र दूसरों को स्मृति स्वरूप भेंट किया जाने वाला वो पत्र या कार्ड है जिसका उपयोग किसी भी संगठन में नए आए सहकर्मी, नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों, सगे-संबंधियों, मित्रों, रिश्तेदारों, परिचितों, आदि को लिखकर किया जाता है। इन पत्रों में व्यक्तिगत भावनाओं जैसे सुख-दुख, आनंद, उत्साह, बधाई, प्रशंसा, उपलब्धि, महत्वपूर्ण सूचना प्रेषक एवं शुभकामना, संदेशों का वर्णन किया जाता है।
अभिनंदन पत्र की उपयोगिता / महत्व ?
महान दार्शनिक (Philosopher) अरस्तू ने कहा था कि “मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है” और समाज के साथ अपने सम्बन्धों को मजबूत बनाए रखने के लिए वो अपने हृदय तल और अंतर्मन में उपजे विचारों को पत्र लेखन का आकार देकर दूसरों तक बड़ी आसानी से पहुंचा पाने में सफलता अर्जित करता है, बस उसी सशक्त अभिव्यक्ति (expression) का शानदार परिणाम है “अभिनंदन पत्र”।
उदाहरण के लिए जब किसी संस्थान द्वारा कोई नया कर्मचारी चयनित किया जाता है तो उसके प्रति आभार प्रकट करने का सबसे सहज तरीका है “अभिनंदन पत्र”, जिसमें संस्थान से जुड़ रहे कर्मचारी के स्वागत की भावभिव्यक्ति के साथ संस्थान से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को भी अभिनंदन पत्र के प्रारूप में समेट कर बड़ी सहजता से पहुंचाया जा सकता है। अभिनंदन पत्र की यही वो विशेषता है जो औपचारिक पत्रों (Formal Letter) के इस व्यवसायिक युग में इसे लोगों के बीच न केवल खास बनाए हुए है बल्कि दूसरों को इस अनौपचारिक पत्र लेखन (Informal Letter Writing) विधा द्वारा सम्मान देने का एक विशिष्ट माध्यम भी बन गयी है।
अभिनंदन पत्र का प्रारूप (format) कैसा होना चाहिए ?
अभिनंदन पत्र को लिखते समय कुछ सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है। उदाहरण के लिए जब आप अभिनंदन पत्र लिखें तो उसका आकार ज्यादा वृहद् (बड़ा) न हो और आप द्वारा कहीं गई बातें मधुरता भरे अंदाज में दूसरों तक पहुँच सकें साथ ही अगर आप किसी सहकर्मी के लिए अभिनंदन पत्र लिख रहे हों तो संस्थान की अनुशासनात्मक (disciplinary) बातें भी आप साधारण तरीके से असरदार रुप में लिखें। इसके अलावा यदि आप किसी उद्घाटन समारोह के लिए मुख्य अतिथि हेतु अभिनंदन पत्र तैयार कर रहे हों तो वहाँ इसका प्रारूप बहुत सीधा होगा या फिर किसी नयी संपत्ति या नए वहाँ खरीदी के लिए अभिनंदन पत्र लिख रहे हों तो अभिनंदन पत्र का प्रारूप सम्पूर्ण विवरण में विशेषताओं को गिनाए जाने के प्रशंसनीय शब्द सूचकों से परिपूर्ण होगा।
प्रारूप (format) के अनिवार्य अंग :
- अभिनंदन पत्र शीर्षक (Title) के साथ शुरू होता है।
- अभिनंदन पत्र में सम्बोधन (address someone) और अभिवादन (greetings) की भाषा औपचारिक पत्रों के नियमों से परे पूजनीय, स्नेहमयी, प्रिय, आदि शब्द सूचक शब्दों का प्रयोग करके लिखी जाती है।
- आगे का प्रारूप विषय वस्तु (subject matter) का होता है, जिसे स्पष्ट और प्रभावशाली होना चहिए।
- सम्पूर्ण विषय वस्तु की प्रस्तुति (presentation) के बाद मंगल कामनाओं का वर्णन भी अभिनंदन पत्र का अनिवार्य अंग है।
- अभिनंदन पत्र के अंतिम भाग में शुभाकांक्षी, आज्ञाकारी जैसे शब्दों का प्रयोग अभिनंदन पत्र को पूर्ण करता है।
शादी विवाह के मौके पर भी ऐसा फॉर्मेट लिख सकते हैं.
अभिनंदन पत्र में क्या – क्या शामिल होना चाहिए ?
अभिनंदन पत्र लिखते समय ये सोचना चाहिए कि आप इसे किसके लिए लिख रहे हैं, जरूरत से ज्यादा बातें पत्र के प्रारूप को क्षति पहुंचाती हैं इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि पत्र में किन बातों को किन तरीकों से शामिल किया जाए। अभिनंदन पत्र में शामिल किए जाने योग्य कुछ तथ्य इस प्रकार हैं:
- व्यक्तिगत शुभकामनाएँ
- एक संयोजित संदेश
- आभार प्रकटीकरण
- सूचनात्मक तथ्यों का आदान प्रदान
- अनुकूल बिन्दुओं पर फोकस
अभिनंदन पत्र का प्रारूप :
प्रेषक का नाम
प्रेषक का पता
………………..
………………..
दिनांक …………….
सम्बोधन ……………
अभिवादन ………………..
पहला खंड ………………..
दूसरा खंड ……………….. ( प्रकरण या विषय वस्तु )
तीसरा खंड ……………….( अंतिम भाग या समाप्ति )
प्रेषक और प्रापक का संबंध
प्रेषक का नाम ……………………
अभिनंदन पत्र कैसे लिखें ?
अभिनंदन पत्र, पत्र लेखन की एक रोचक विधा है जिसमें आप अपने विचारों को लिखित रूप में दूसरों तक पहुंचाते हैं, ऐसे में ये आवश्यक हो जाता है कि जब कभी आप किसी के लिए अभिनंदन पत्र लिखें तो उसे उपयुक्त प्रारूप का पालन करते हुए आकार दें ताकि आपके मन में उठते हुए विचार शब्दों का स्वरूप ले समझने योग्य भाषा में दूसरों तक पहुँचें। भाषा की क्लिष्टता (complicated) अभिनंदन पत्र की रोचकता को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में आप अभिनंदन पत्र को किस प्रकार लिखें इसके दो उदाहरण नीचे दिये जा रहे हैं:
किसी संस्थान में नए आए कर्मचारी के स्वागत के लिए लिखा गया अभिनंदन पत्र
सिर्फ स्वागत है!!! कह कर इति श्री कर लेना संस्थान के अधूरे प्रयासों की छवि को दर्शाता है। ऐसे में एक हार्दिक अभिनंदन पत्र न केवल कर्मचारी के शानदार स्वागत का कारण बनता है बल्कि संस्थान से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को उस तक पहुंचाने का आसान जरिया भी, तो आइए देखते हैं कर्मचारी के हार्दिक स्वागत के लिए लिखा जाने वाला अभिनंदन पत्र किस प्रकार का होगा —
पहला उदाहरण :
[ दिनांक ]
[ कर्मचारी का नाम ]
[ कर्मचारी का पता ]
प्रिय [ कर्मचारी का नाम ]
बड़े हर्ष के साथ मैं [कंपनी का नाम] में आपका हार्दिक स्वागत करता/करती हूँ। हम आपके साथ मिलकर आगामी भविष्य में किए जाने वाले कार्यों को लेकर काफी उत्साहित हैं। हम आप द्वारा पहले अर्जित किए गए [अनुभव और/या कौशल] से बहुत प्रभावित हुए हैं और हमें लगता है कि आप हमारी टीम के लिए एक आदर्श सहयोगी साबित होंगे। जैसा कि हमने आपसे इस बारे में पहले बात की थी [प्रारम्भ दिनांक और समय] आपकी सहमति को लेकर तो उसके अनुसार हमारे कार्यालय का कार्यकाल समय सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक का है साथ ही हमारे कार्यालय में पहनी जाने वाली ड्रेस बिजनेस कैजुअल ही है।
मैं आपको कंपनी से लैपटॉप प्राप्त करने एवं शेष पेपर वर्क के लिए मानव संसाथन विभाग में कार्यरत [व्यक्ति का नाम] से कनेक्ट कर रहा/रही हूँ और हाँ मैंने इस अभिनंदन पत्र के साथ कंपनी [कंपनी का नाम] से जुड़े और भी जरूरी पेपर संलग्न कर के भेजे हैं जिन्हें आप प्राप्त करेंगे।
आप अपने पहले दिन कार्यालय में उपस्थित अपने शीर्ष पदाधिकारी [पदाधिकारी का नाम] से भी मिलेंगे, वो आपको कंपनी से जुड़ी अन्य जानकारियों के साथ आपके कार्य-भार से भी अवगत कराएंगे। इसके अतिरिक्त भी यदि आपको किसी और प्रश्न का उत्तर चाहिए तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं।
हम आपको अपनी टीम में शामिल करने के लिए उत्साहित हैं और आशा करते हैं कि आने वाले भविष्य में हम आपके साथ मिलकर इस संस्थान को उचाइयों के नए आयाम पर लेकर जाएंगे। हम इस बात की भी आशा करते हैं कि आपके अनुभवों [पहले अर्जित किए गए अनुभव और कौसहल का विवरण] से हमें आने वाले लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
आपके द्वारा हमारे संस्थान को कार्य क्षेत्र चुने जाने के लिए हम एक फिर से आपका आभार प्रकट करते हैं।
हम आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं!
[ आपका नाम ]
[ आपका शीर्षक ]
[ कंपनी का नाम ]
कोरोना वारियर्स के लिए अभिनंदन पत्र – सम्मान पत्र का नमूना
दूसरा उदाहरण :
[ नाम ]
[ पता ]
[ दिनांक ]
प्रिय कोविड 19 वारियर्स
[ ………………………. ]
“ तू न थकेगा कभी ,
तू न रुकेगा कभी ,
तू न मुड़ेगा कभी ,
कर शपथ, कर शपथ
कर शपथ ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ ”
हरिवंश राय बच्चन जी की इन पंक्तियों को जीवन का ध्येय बना लेने वाले कोरोना वारियर्स […….] का हम सभी हार्दिक अभिनंदन करते हैं। उनके प्रयासों ने संकट की इस घड़ी में समस्त धरतीवासियों के प्राणों को बचाए रखने के लिए जिस जज्बे को दिखालाया है उसकी हम सभी हर पल सराहना करते हैं। आपकी कोशिशें हीं तो हैं जो हमें वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस मुश्किल दौर में हिम्मत न हारने की प्रेरणा दे रही हैं।
आज दुनिया भर में जिस तरह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है उसे देखकर हम सभी को इस बात का एहसास हो चला है कि ईश्वर ने आपको अपने प्रतिनिधि के रूप में धरती निवासियों की रक्षा के लिए ही भेजा है। बढ़ते दिन के साथ अब आपकी कोशिशें भी रंग ला रही हैं जिसके चलते हम कोरोना को हराकर इस लड़ाई को जीतने के सपने सँजो पा रहे हैं।
आपकी अपने कर्मक्षेत्र के प्रति दृढ़ता हमें ये विश्वास दिला रही है कि मानव जाति का न केवल वर्तमान सुरक्षित हाथों में है बल्कि भविष्य की सुरक्षा का कार्यभार भी आपके ही कंधों पर ही है।
आपके द्वारा जारी निरंतर प्रयासों के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएँ। ईश्वर से बस अब यही आकांक्षा है कि आप अपने कर्मक्षेत्र में सफलता अर्जित कर ऊंचाइयों के नए आयाम चुने।
ऐसे में आप सब का अभिनंदन करते हुए हमें अपार हर्ष हो रहा है।
आप सभी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए एक बार पुनः हम आपका अभिनंदन करते हैं।
धन्यवाद ,
समस्त [ ……………….. ]
लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें :
- अभिनंदन पत्र लिखते समय पत्र की भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चहिए।
- पत्र को जिसके लिए लिखा जाये उसके लिए शिष्टाचार से युक्त भाषा का प्रयोग किया जाना चहिए।
- लिखते समय मन के विचारों और भावों को आप आवश्यक जानकारियों के साथ स्थान दे सकते हैं।
- अभिनंदन पत्र संबन्धित विषय के चयन के अनुसार अलग-अलग प्रारूपों में लिखा जाएगा। उदाहरण के लिए अगर आप किसी संगठन में नए आए सहकर्मी के लिए लिख रहे हैं तो उसका भाषा चयन और शब्द प्रारूप नव-निर्वाचित कार्यकार्णी के सदस्य के लिए लिखे जा रहे प्रारूप से भिन्न होगा।
- अभिनंदन पत्र में लिखी गयी वर्तनी (spelling) शुद्ध होनी चहिए।
- वर्तनी की अशुद्धता से बचने के लिए आप इसे लिखने के बाद एक बार अवश्य पढ़ें।
- पत्र में प्रेषक (messenger), भेजने वाले, तथा प्रापक (recipient),पाने वाले दोनों का नाम पता आदि स्पष्ट रूप से लिखा होना चहिए।
- पत्र संक्षिप्त और सारवान होने के साथ ही पूर्ण भी दिखलाई देना चहिए।
- व्याकरण (grammar) के सही उपयोग पर विशेष ध्यान दें। मात्राओं और शब्दों का गलत प्रयोग सम्पूर्ण प्रारूप को क्षति पहुंचा सकता है,ऐसे में भाषा अनुसार व्याकरण का इस्तेमाल अनिवार्य है।
- अभिनंदन पत्र जिस उद्देश्य के लिए लिखा गया हो वो उसमें पूरी तरह दिखाई देना चहिए।
ऊपर वर्णित आवश्यक बातों को ध्यान में रखकर यदि आप अभिनंदन पत्र का लेखन करते हैं तो अवश्य ही आपके विचारों में उठ रही बातों को शब्दों का साकार रूप मिल पाएगा क्योंकि हम सभी को ये मालूम है कि विकास की तीव्र गति ने जहाँ प्रत्येक कार्य में नवीनता का संचार किया है वहीं पत्र लेखन भी इससे अछूता नहीं रह सका है। हमारे सामाजिक सम्बन्धों के चलते हमें अक्सर इस तरह के अभिनंदन पत्रों की आवश्यकता पड़ती ही रहती ही है फिर चाहे शादी ब्याह का अवसर हो या फिर अपनों के साथ खुशियों को साझा करने का मौका, अभिनंदन पत्र की कला द्वारा आप किसी भी आम से दिख रहे मौके को खास बना सकते हैं। समय के साथ दिन पर दिन जुड़ती जा रही टेलीफोन, मोबाइल, फ़ैक्स, आदि की सेवाएँ अभिनंदन पत्र की निजता (privacy) को कायम रखते हुए प्रेषक और प्रापक के बीच एक अद्भूत रिश्ता बना पाने में पूरी तरह से सफल है।
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aapne isko bahut acche se samjhaya hai ese hi aur post likhte rahe
Shukriya Devang ji 🙏