ये खबर उन सभी के लिए है जो बैंक में काम करते हैं!
अहम खबर! भारतीय बैंक संघ (IBA) और बैंक कर्मचारी यूनियनों के बीच वेतन संशोधन को लेकर समझौता हो गया है।
आपको ये जानकर खुशी होगी कि बैंकों के कर्मचारियों के लिए हाल ही में एक बड़ा फैसला आया है! भारतीय बैंक संघ (IBA) और बैंक कर्मचारी यूनियनों के बीच वेतन संशोधन को लेकर समझौता हो गया है। आइए समझते हैं इस समझौते में कर्मचारियों के लिए क्या खास है:
- वेतन वृद्धि: सबसे बड़ी बात, वेतन में 17% की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है! ये बढ़ोतरी महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) के साथ लागू होगी।
- कब से लागू? ये बढ़ोतरी 1 नवंबर 2022 से प्रभावी मानी जाएगी।
- सिर्फ वेतन वृद्धि ही नहीं! समझौते में सिर्फ वेतन वृद्धि की बात नहीं है। बैंकों के काम करने के तरीकों में भी सुधार लाने पर चर्चा की गई है। उम्मीद है कि इससे बैंकों का कामकाज और भी बेहतर होगा।
- क्या पिछले समझौते रद्द हो जाएंगे? हां, यह नया समझौता पिछले सभी वेतन समझौतों को रद्द कर देगा।
- क्या इस समझौते में सिर्फ वेतन वृद्धि की बात है? नहीं, समझौते में बैंकों के काम करने के तरीकों में सुधार लाने पर भी चर्चा की गई है।
क्यों खास है ये समझौता? | Why is this agreement special
- सबसे पहले तो ये समझौता पूरी तरह से सामूहिक सौदेबाजी (collective bargaining) का नतीजा है.
- ये लगातार 12वां द्विपक्षीय समझौता है, जो दिखाता है कि बैंक और यूनियन मिलकर काम करने में भरोसा रखते हैं.
- समझौते के लिए किसी तरह का हड़ताल या प्रदर्शन नहीं करना पड़ा, जो अच्छी बात है.
- ये समझौता न सिर्फ बल्कि 4 लाख से ज्यादा वर्कमेन कर्मचारियों को, बल्कि 4 लाख से अधिक अधिकारियों को भी फायदा पहुंचाएगा.
आपको क्या मिल रहा है? | What are you getting?
- वेतन (Salary) में 17% की बढ़ोतरी होगी.
- बेसिक पे बढ़ने से HRA की राशि भी बढ़ जाएगी.
- नए वेतनमान में स्टेगनेशन वेतन वृद्धि (stagnation increments) की भी सुविधा है.
- डेलीगेशन भत्ता (DA) की गणना के लिए नया तरीका लागू होगा, जो आपके लिए फायदेमंद होगा.
- ट्रांसपोर्ट अलाउंस (Transport Allowance) और स्पेशल अलाउंस (Special Allowance) में भी बढ़ोतरी की गई है.
- कई तरह के भत्तों (allowances) की राशि भी बढ़ गई है, जैसे हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance), मेडिकल अलाउंस (Medical Allowance) आदि.
- लीव (Leave) के नियमों में भी कुछ बदलाव हुए हैं, जो आपके लिए आसानी लाएंगे.
- पेंशनधारियों (Pensioners) के लिए भी कई लाभकारी योजनाएं लागू की गई हैं.
अभी और भी है! (There’s more!)
- समझौते में 5 दिन बैंकिंग (5-day banking) की सिफारिश भी शामिल है.
- बैंक कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य जांच योजना (Health Checkup Scheme) लागू करने की बात भी कही गई है.
5-दिवसीय बैंकिंग (Five Day Banking) पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ
भले ही 12वें द्विपक्षीय समझौते में इसका सीधे जिक्र नहीं है, लेकिन 5-दिवसीय बैंकिंग का मुद्दा बैंकिंग उद्योग के लिए एक अहम प्रस्ताव है:
- सरकार को 5-दिवसीय बैंकिंग लागू करने की सिफारिश की गई है: ये कर्मचारियों के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव हो सकता है. अगर हफ्ते में 5 दिन काम होता है और उतनी ही कार्यक्षमता बनी रहती है, तो ये कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा. सरकार को ये सिफारिश इस बात का संकेत देती है कि बैंकिंग क्षेत्र भी बदलते वर्क कल्चर को स्वीकार कर रहा है और दुनिया भर के बैंकिंग तौर- तरीकों के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहा है. इससे कर्मचारियों की संतुष्टि बढ़ेगी और शायद उत्पादकता में भी इजाफा हो.
अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाती है और इसे लागू कर दिया जाता है, तो ये बैंकिंग सेक्टर के काम करने के तरीकों में एक बड़ा बदलाव होगा. इसका मकसद एक ज्यादा संतुलित और कर्मचारी-हितैषी काम का माहौल बनाना है.
आइए, इस समझौते की खास बातों को थोड़ा और करीब से देखें:
समझौते में क्या-क्या शामिल है और कितना फायदा | Inclusive Coverage and Financial Enhancements
तो चलिए, इस समझौते (settlement) की खास बातों को जरा हिंदी में समझते हैं:
- कुल 25 बैंक इसमें शामिल हैं: सरकारी (12), प्राइवेट (10), और विदेशी (3). मतलब पूरे बैंकिंग सेक्टर को फायदा!
- चार लाख से ज्यादा कर्मचारियों को होगा लाभ: ये सिर्फ शुरुआती आंकड़ा है, बहुत से कर्मचारियों को फायदा होगा!
- अफसर भी खुश! एक अलग समझौते (Joint Note) में जूनियर मैनेजमेंट से लेकर टॉप मैनेजमेंट तक, चार लाख से ज्यादा अफसरों को भी फायदा होगा.
- पांच साल का है समझौता: अगले पांच सालों तक, कर्मचारियों और मैनेजमेंट दोनों के लिए फायदे वाली चीज़ें तय हो गई हैं, प्लानिंग करने में आसानी!
- नवंबर 2022 से अक्टूबर 2027 तक लागू: ये समझौता इसी अवधि के लिए मान्य रहेगा.
- कुल वेतन संशोधन: 12,449 करोड़ रुपये!: बैंक अपने कर्मचारियों का अच्छा ख्याल रखेंगे, ये रकम बताती है. ये मार्च 2017 के खर्चों के मुकाबले 17% ज्यादा है.
- कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि: 4,165 करोड़ रुपये: समझौते का एक बड़ा हिस्सा सीधे कर्मचारियों की जेब में जाएगा.
- अफसरों के लिए वेतन वृद्धि: 8,284 करोड़ रुपये: बैंक सिर्फ कर्मचारियों का ही नहीं, बल्कि अफसरों का भी ध्यान रख रहे हैं. दोनों ही कैडरों को फायदा होगा.
विशेष प्रावधान और पदनामों में बदलाव | Special Provisions and Designations
समझौते में सिर्फ आम बढ़ोत्तरी ही नहीं, बल्कि कुछ खास कर्मचारियों के लिए भी फायदे शामिल किए गए हैं, साथ ही कुछ पदनामों में भी बदलाव किया गया है ताकि उनका काम सही से दर्शाया जा सके. आइए विस्तार से जानते हैं:
विशेष प्रावधान (Special Provisions)
- पूर्व सैनिकों के लिए खास प्रावधान: बैंकों ने ये माना है कि पूर्व सैनिकों का योगदान महत्वपूर्ण है, इसलिए उनके लिए खास प्रावधान किए गए हैं.
- अतिरिक्त रुकुाव वेतन वृद्धि (Stagnation Increments): अब कुल ग्यारह रुकुाव वेतन वृद्धि मिलेंगी. यानी अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को अधिकतम वेतनमान से ऊपर भी वेतन वृद्धि मिल सकेगी.
- शैक्षणिक योग्यता के लिए प्रोत्साहन: सब-स्टाफ अब JAIIB/CAIIB पास करने पर क्लर्क की तरह अतिरिक्त वेतन वृद्धि पाने के हकदार होंगे. साथ ही, सब-स्टाफ के लिए प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन पे (PQP) भी लागू होगा – रु. 820/रु. 1640/रु.2460. इससे सब-स्टाफ को भी क्लर्क की तरह अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
- क्लर्कों के लिए प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन पे में बढ़ोतरी: अब क्लर्कों को प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन हासिल करने पर रु. 820/ 1640/ 2460/ 3280/ 4100 तक का PQP मिलेगा. यानी और पढ़ाई करने पर उन्हें ज्यादा फायदा होगा!
- सभी SWO-A को 1-4-24 से SWO-B भत्ता: अब सभी स्पेशल वर्क ऑफिसर (SWO) को समान वेतन मिलेगा. उनकी जिम्मेदारियों के हिसाब से अब उनका वेतन तय होगा.
संशोधित पदनाम (Revised Designations)
समझौते में कुछ पदनामों को भी बदला गया है ताकि कर्मचारियों के काम को बेहतर तरीके से दर्शाया जा सके. आइए नए पदनामों को देखें:
- SWO-A/SWO-B को अब कस्टमर सर्विस एसोसिएट (CSA – Customer Service Associate) कहा जाएगा: इससे उनके ग्राहक सेवा से जुड़े काम को स्पष्ट रूप से बताया जा सकेगा.
- हेड कैशियर को अब Senior CSA (Cash) कहा जाएगा: अब कैशियर की लीडरशिप और विशेष स्किल को महत्व दिया जाएगा.
- स्पेशल असिस्टेंट को अब स्पेशल सीएसए कहा जाएगा: उनके विशेष योगदान को अब बेहतर तरीके से पहचाना जाएगा.
- सभी बिल कलेक्टरों को अब दफ्तरी बनाया जाएगा: उनके काम में बदलाव को देखते हुए उनका पदनाम भी बदला गया है.
- सब-स्टाफ को अब ऑफिस असिस्टेंट कहा जाएगा: ये नाम उनके दफ्तर में किए जाने वाले काम को ज्यादा सटीक रूप से बताता है.
- दफ्तरी को अब सीनियर ऑफिस असिस्टेंट कहा जाएगा: उनके अनुभव और ज़्यादा ज़िम्मेदारी को देखते हुए ये बदलाव किया गया है.
- Head Peon को अब स्पेशल ऑफिस असिस्टेंट कहा जाएगा: बैंक के काम में उनके विशेष योगदान को सम्मान दिया जा रहा है.
समझौते में कर्मचारियों के लिए मिलने वाले अन्य लाभ (Benefits and Entitlements)
समझौते में सिर्फ वेतन वृद्धि ही नहीं, बल्कि रिटायरमेंट के बाद के फायदे, मेडिकल और छुट्टी से जुड़े कई लाभ भी शामिल किए गए हैं. आइए विस्तार से जानते हैं:
रिटायरमेंट के बाद के लाभ (Superannuation Benefits)
- रिटायरमेंट के फायदों में स्पेशल वेतन और पीक्यूपी भी शामिल होंगे: रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि की गणना में अब स्पेशल पे और प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन पे को भी शामिल किया जाएगा. इससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा मजबूत होगी.
- फिक्स्ड पर्सनल पे में बढ़ोतरी: क्लर्क के लिए रु. 3155 और सब-स्टाफ के लिए रु. 1585 की बढ़ोतरी. साथ ही, फिक्स्ड पर्सनल पे का बढ़ा हुआ हिस्सा भी रिटायरमेंट बेनिफिट्स में शामिल होगा. यानी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि अब और ज्यादा हो गई है!
मेडिकल और छुट्टी से जुड़े लाभ (Medical and Leave Benefits)
- मेडिकल सहायता में बढ़ोतरी: अब हर साल रु. 2830 की मेडिकल सहायता मिलेगी. इसका मतलब है कि बीमारी के वक्त आर्थिक मदद के लिए राशि बढ़ा दी गई है.
- लीव बैंक योजना लागू होगी: कर्मचारी अपनी छुट्टियां इस बैंक में जमा कर सकेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर दूसरे कर्मचारी उसका इस्तेमाल कर सकें. इससे कर्मचारियों के बीच एकजुटता और सहायता की भावना बढ़ेगी.
- अकेले पुरुष अभिभावक को बच्चे की बीमारी के लिए 8 साल तक की छुट्टी: अब अकेले पिता को भी बच्चे की बीमारी के वक्त छुट्टी मिल सकेगी. समझौते में हर तरह के परिवारों का ध्यान रखा गया है.
- निःशक्त बच्चे (15 साल से कम) के लिए 10 दिन की छुट्टी: अगर किसी कर्मचारी का बच्चा स्पेशल है तो उसे साल में 10 दिन की अतिरिक्त छुट्टी मिल सकेगी. इससे ऐसे कर्मचारियों को सहारा मिलेगा.
- महिला कर्मचारियों को बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के हर महीने एक दिन की छुट्टी: महिला कर्मचारियों की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी मिलेगी.
- दो से ज्यादा बच्चों के जन्म पर 12 महीने की मातृत्व अवकाश: जुड़वां या इससे ज्यादा बच्चों के जन्म के मामले में महिला कर्मचारियों को ज्यादा देखभाल की ज़रूरत होती है, इसलिए उन्हें 12 महीने की छुट्टी दी जाएगी.
- शोक अवकाश: दुख की घड़ी में कर्मचारियों को मानसिक सहारा देने के लिए शोक अवकाश दिया जाएगा.
- गोद लेने पर भी मातृत्व अवकाश: अगर कोई महिला कर्मचारी एक साल से कम उम्र के बच्चे को गोद लेती है तो उसे भी 9 महीने की मातृत्व अवकाश मिलेगा. इससे दत्तक माताओं को भी अपने बच्चे के साथ वक्त बिताने का मौका मिलेगा.
- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) इलाज के लिए छुट्टी: इनफर्टिलिटी का इलाज करवा रहीं महिला कर्मचारियों को भी मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाने पर छुट्टी मिल सकेगी.
- मृत जन्म या शिशु की मृत्यु होने पर 60 दिन की विशेष मातृत्व अवकाश: दुर्भाग्य से अगर बच्चा जन्म के समय मर जाता है या जन्म के 28 दिनों के अंदर मृत्यु हो जाती है, तो महिला कर्मचारी को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने के लिए 60 दिन की विशेष छुट्टी मिलेगी.
सरकारी काम के लिए यात्रा करने पर मिलने वाले भत्ते (Travel and Lodging Allowances in Hindi)
समझौते में सरकारी काम के लिए यात्रा करने पर मिलने वाले भत्तों को भी बढ़ाया गया है. आइए विस्तार से जानते हैं:
यात्रा रियायतें (Travel Concessions)
- अब राजधानी/शताब्दी/तेजस/वंदे भारत/अमृत भारत जैसी स्पेशल ट्रेनों (लग्जरी ट्रेन को छोड़कर) के टिकटों का खर्च भी वापस मिलेगा: सरकारी काम के लिए यात्रा करते वक्त अब आप आधुनिक और सुविधाजनक ट्रेनों में भी सफर कर सकेंगे.
- अगर आपने समय से पहले LFC/छुट्टी के लिए आवेदन किया है और उसे मंजूरी भी मिल गई है, लेकिन टिकट पहले से बुक नहीं करवा पाए हैं, तो आप तत्काल/प्रीमियम तत्काल टिकट लेकर जा सकते हैं और उसका खर्च वापस ले सकते हैं: सरकारी मंजूरी में देरी होने की वजह से आखिरी समय में टिकट बुक करवाने पर भी आपको आर्थिक दिक्कत नहीं होगी.
- अगर आपने पहले से LFC/छुट्टी के लिए आवेदन किया है और टिकट भी बुक कर लिया है, लेकिन बाद में बैंक मैनेजमेंट आपकी LFC रद्द कर देता है या टाल देता है, तो टिकट कैंसल कराने का खर्च भी बैंक द्वारा वापस कर दिया जाएगा: अगर आपकी छुट्टी या LFC की योजना में बदलाव होता है, तो भी आपको आर्थिक नुकसान नहीं होगा.
- LFC का फायदा लेते समय, आप पूरे रास्ते में दो बार रुक सकते हैं और उतनी ही दूरी तक का ट्रेन का किराया वापस ले सकते हैं, भले ही आपने बीच में कहीं रुककर दूसरी ट्रेन ली हो: LFC का फायदा उठाते समय अब आप अपनी यात्रा योजना में थोड़ा बदलाव भी कर सकते हैं और उतनी दूरी तक का वास्तविक टिकट खर्च वापस ले सकते हैं.
- अगर आप अपनी गाड़ी से सरकारी काम के लिए जा रहे हैं, तो आपको रु. 11/- प्रति किलोमीटर और टोल टैक्स (अगर देना पड़े) का खर्च वापस मिल सकता है, लेकिन यह रकम अधिकतम उतनी ही होगी, जितना ट्रेन का किराया होता (आपके एंटाइटलमेंट के अनुसार क्लास और दूरी के हिसाब से): आप चाहें तो अपनी गाड़ी से भी सरकारी काम के लिए जा सकते हैं. गाड़ी इस्तेमाल करने पर भी आपको साफ-सुथरे हिसाब से रकम वापस मिल जाएगी.
रुकने का भत्ता (Lodging Allowances)
- होटल/लॉज में रुकने का किराया बढ़ा दिया गया है: क्लर्क: रु. 3000/2500/2000; सब-स्टाफ: रु. 1500/1250/1000. अब सरकारी काम के लिए यात्रा करते वक्त रुकने का खर्च भी अधिक आराम से उठाया जा सकेगा.
- डेली भत्ता (Halting Allowance/Diem Allowance) भी बढ़ा दिया गया है: क्लर्क: रु. 1500/1350/1000; सब-स्टाफ: रु. 1100/900/600. अब दैनिक खर्च के लिए भी ज्यादा भत्ता मिलेगा.
- होटल/लॉज में रुकने पर, डेली भत्ते का 35% भोजन खर्च के लिए दिया जाएगा: डेली भत्ते के आधार पर अब खाने का खर्च भी तय कर दिया गया है. इससे यात्रा के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी.
इस तरह समझौते में यात्रा और रुकने से जुड़े भत्तों को भी बढ़ाया गया है ताकि बैंक कर्मचारियों को सरकारी काम के लिए आराम से यात्रा करने में आसानी हो.
पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स | Pension and Retirement Benefits
समझौते में पेंशन और रिटायरमेंट से जुड़े बेनिफिट्स को भी बढ़ाया गया है. आइए विस्तार से जानते हैं:
- 1 जनवरी 1986 से 31 अक्टूबर 2022 के बीच रिटायर हुए सभी पेंशनर्स को 1 नवंबर 2022 से अतिरिक्त अनुग्रह राशि (Ex gratia payment) दी जाएगी. साथ ही पिछले महीनों का बकाया भी दिया जाएगा: यह एकमुश्त दी जाने वाली राशि है, जिससे रिटायर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
- आईबीए (IBA) ने सरकार को सिफारिश की है कि NPS कर्मचारियों के पीएफ में मैनेजमेंट द्वारा जमा किए जाने वाले अतिरिक्त 4% अंशदान को आयकर से मुक्त किया जाए: इससे रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा और मजबूत होगी.
- 1 नवंबर 2022 से समझौते की तारीख के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों के पास यह विकल्प होगा कि वो या तो रिवाइज्ड कम्यूटेशन ले सकते हैं या फिर नए वेतनमान के अनुसार ज्यादा पेंशन प्राप्त कर सकते हैं: यह रिटायर कर्मचारियों को अपनी जरूरत के हिसाब से चुनाव करने की छूट देता है.
- पीएफ में कर्मचारियों का योगदान बढ़ जाएगा: रिटायरमेंट के लिए जमा होने वाली राशि भी ज्यादा होगी.
- एनपीएस में कर्मचारियों और मैनेजमेंट का योगदान बढ़ जाएगा: इससे एनपीएस लेने वाले कर्मचारियों की जमापूंजी भी ज्यादा हो पाएगी.
- कम्यूटेशन राशि बढ़ जाएगी: अगर कोई रिटायरमेंट के समय एकमुश्त रकम लेना चाहता है, तो उसे मिलने वाली राशि भी अब ज्यादा होगी.
- मासिक पेंशन बढ़ जाएगी: इसका सीधा फायदा रिटायर कर्मचारियों को मिलेगा, जिनकी मासिक आय में बढ़ोत्तरी होगी.
- वेतन संशोधन का बकाया राशि 1 नवंबर 2022 से लागू होगा: पेंशन या रिटायरमेंट बेनिफिट्स में अगर नवंबर 2022 से कोई बदलाव किया गया है, तो उसका बकाया भी दिया जाएगा.
इस समझौते में पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है. इससे रिटायर कर्मचारियों की मासिक पेंशन, कम्यूटेशन राशि बढ़ेगी और उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से ज्यादा सहारा मिलेगा.
Salient features of the 12th Bipartite Settlement
कुल मिलाकर, ये समझौता बैंक कर्मचारियों के लिए कई तरह से फायदेमंद है. इसमें न सिर्फ वेतन वृद्धि का प्रावधान किया गया है बल्कि कई तरह के भत्ते भी बढ़ाए गए हैं और रिटायरमेंट के बाद की सुविधाओं में भी सुधार किया गया है. साथ ही, ये समझौता इस बात का उदाहरण भी है कि जब सभी पक्ष मिलकर बातचीत करते हैं तो सहयोग से सकारात्मक परिणाम हासिल किए जा सकते हैं.