रावण रामायण का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। वह लंका का राजा था और भगवान राम का सबसे बड़ा शत्रु था। रावण के जन्म के बारे में विभिन्न ग्रंथों में विभिन्न कथाएं मिलती हैं।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, रावण पुलस्त्य मुनि का पोता और विश्वश्रवा का पुत्र था। विश्वश्रवा की दो पत्नियां थीं, वरवर्णिनी और कैकसी। वरवर्णिनी से कुबेर का जन्म हुआ, जो एक देवता था। कैकसी ईर्ष्या से जल उठी और उसने अशुभ समय में गर्भ धारण किया। इसी कारण से उसके गर्भ से रावण और कुंभकर्ण जैसे क्रूर स्वभाव वाले भयंकर राक्षस उत्पन्न हुए।
तुलसीदास जी के रामचरितमानस के अनुसार, रावण का जन्म एक शाप के कारण हुआ था। नारद और प्रतापभानु नामक दो ऋषि भगवान विष्णु के दर्शन के लिए बैकुंठ गए। भगवान विष्णु के द्वारपाल जय और विजय ने उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया। नारद और प्रतापभानु ने क्रोध में जय और विजय को शाप दिया कि वे रावण और कुंभकर्ण के रूप में जन्म लेंगे।

रावण का जन्म त्रेता युग में हुआ था। विभिन्न ग्रंथों में रावण के जन्म की तारीख के बारे में अलग-अलग मत हैं।
रावण का जन्म एक विशेष दिन और समय पर हुआ था। वह एक राक्षस था, लेकिन उसके पास कई महान गुण भी थे। वह एक महान विद्वान, एक कुशल योद्धा और एक प्रतिभाशाली शासक था। उसने लंका को एक शक्तिशाली साम्राज्य में बदल दिया।
रावण का जन्म एक महत्वपूर्ण घटना थी। उसने रामायण की कहानी को आकार दिया और भारतीय संस्कृति पर एक गहरा प्रभाव डाला।
रावण के जन्म का महत्व
रावण के जन्म का रामायण की कहानी में एक महत्वपूर्ण स्थान है। वह रामायण के नायक, भगवान राम के सबसे बड़े शत्रु थे। रावण के जन्म के कारण ही रामायण की कहानी शुरू होती है।
रावण के जन्म ने हिंदू धर्म और संस्कृति पर भी एक गहरा प्रभाव डाला। रावण को अक्सर ईर्ष्या, अहंकार और क्रोध का प्रतीक माना जाता है। वह एक शक्तिशाली और भयंकर राक्षस था, लेकिन वह एक महान विद्वान और योद्धा भी था।
रावण के जन्म के बारे में विभिन्न ग्रंथों में विभिन्न कथाएं मिलती हैं। इनमें से प्रत्येक कथा रावण के व्यक्तित्व और उसकी भूमिका की अलग-अलग व्याख्या करती है। रावण एक जटिल और विवादास्पद व्यक्ति था, लेकिन वह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आकृति भी था।
रावण के जन्म के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य
- रावण का जन्म त्रेता युग में हुआ था।
- रावण के जन्म का समय और तारीख विभिन्न ग्रंथों में अलग-अलग हैं।
- रावण के जन्म के कारण ही रामायण की कहानी शुरू होती है।
- रावण को अक्सर ईर्ष्या, अहंकार और क्रोध का प्रतीक माना जाता है।
- रावण एक शक्तिशाली और भयंकर राक्षस था, लेकिन वह एक महान विद्वान और योद्धा भी था।
रावण एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आकृति थी। उसके जन्म की कथाएं आज भी लोगों को आकर्षित करती हैं।